पुस्तक से — अटल जी ने हिन्दुत्व की व्याख्या करते हुए 31 दिसंबर, 2002 को गोवा में कहा था ‘‘हिन्दुत्व संपूर्ण सृष्टि को समग्र रूप से समझने की दृष्टि है जो इस लोक तथा परलोक, दोनों के लिए रास्ता दिखाता है। यह व्यक्ति और समाज तथा मनुष्य की भौतिक तथा आध्यात्मिक जरूरतों के बीच अटूट संबंधों पर बल देता है। हिन्दुत्व उदार है, उदात्त है, मुक्त गामी है। यह किसी भी आधार पर विभिन्न समुदायों के बीच कोई दुर्भावना, घृणा अथवा हिंसा को बर्दाश्त नहीं करता।’’