आज़ादी के दिनों की बातें

आज़ादी के दिनों की बातें

पुस्तक का नाम : आज़ादी के दिनों की बातें
लेखक-संपादक : बृजेन्द्र रेही
प्रथम संस्करण 2022
ISBN – 978-81-953399-2-1
भारत में वितरण शुल्क रु.70/- अतिरिक्त
पुस्तक का वजन :28.4 ग्राम
पुस्तक का आकार : चौड़ाई 5 30‘ लंबाई 8.50‘‘ ऊँचाई आध इंच
पृष्ठ संख्या 204
एक प्रति :  399 रुपये
इस समय स्टाॅक में पुस्तकें हैं।
कवर : रंगीन एवं पेपरबैक

इस पुस्तक में पढें :
‘वे कौन-कौन साहसी थे जिन्होंने विदेशी धरती पर जाकर ब्रिटिशराज की सत्ता को उखाड़ फैंकने लिए ठोस प्रयास शुरू किये और अपनी कुर्बानी देने से भी नहीं हिचके?
वे कौन थे जिन्होंने ब्रिटेन के मूल निवासियों को भी भारत की आज़ादी के आन्दोलन में समर्थन देने के लिए तैयार कर लिया था?
वे थे पढ़े-लिखे नौजवान, बुद्धिजीवीे, शिक्षक और अपने-अपने विषयों के निष्णात् युवा और उम्रदराज संपन्न देशभक्त। उन सभी में एक बात समान थी, वह थी किसी भी तरह भारत को ब्रिटिश शासन से मुक्त करा लिया जाए ताकि हर भारतीय आज़ादी की खुली हवा में साँस ले सके।

संकलनकर्ता एवं संपादक के बारे : लेखक, पत्रकार और वृत्तचित्र निर्माता निर्देशक हैं और मीडिया तथा सृजन के क्षेत्र में बीते 57 साल से सक्रिय हैं। इनकी अब तक 14 पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं तथा दो सौ से अधिक वृत्तचित्र, टीवी कार्यक्रम, टेलीफिल्म्स, धारावाहिक आदि प्रसारित हो चुके हैं।

 

अटल जी ने कहा, पूर्व प्रधानमंत्री के भाषणों का संकलन

क्या आप जानना चाहते है समाज, धर्म, विकास, विज्ञान, राजनीति आदि के बारे में पूर्व प्रधानमंत्री और युगपुरुष स्व. अटल बिहारी वाजपेयी ने क्या कहा था?

पढ़िये राष्ट्र भाषा हिन्दी में ‘अटलजी ने कहा’

पुस्तक का नाम : अटल जी ने कहा’
(पूर्व प्रधानमंत्री स्व. अटल बिहारी वाजपेयी के प्रामाणिक और प्रेरणादायी भाषणों का संकलन)

संकलनकर्ता एवं संपादक : बृजेंद्र रेही

ISBN: 978-81-93769-00-3
इस समय स्टाॅक में पुस्तकें : 50

पुस्तक के बारे में : ‘अटलजी ने कहा’ पुस्तक पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेर्यी के प्रामाणिक और प्रेरणादायी भाषणों का संकलन ‘ है। यह पुस्तक राष्ट्र निर्माण में लगे शिक्षकों, राजनीतिक विचारकों, प्रशासन और शासनकर्ताओं आदि के मार्गदर्शन में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है।

पुस्तक से महत्वपूर्ण वाक्यांश : जो सरकार ठीक काम नहीं करेगी और लोगों को परेशान करेगीे, लोगों के साथ ज्यादती करेगी, लोगों के साथ भेदभाव करेगी, चुनाव आएगा, वोट डाले जाएंगे और उस सरकार का बिस्तर गोल कर दिया जाएगा।

संकलनकर्ता एवं संपादक बृजेन्द्र रेही के बारे : लेखक, पत्रकार और वृत्तचित्र निर्माता निर्देशक हैं और मीडिया तथा सृजन के क्षेत्र में बीते 55 साल से सक्रिय हैं।

विशेष: अटल बिहारी वाजपेयी के प्रामाणिक और प्रेरणादायी भाषणों का संकलन ‘अटल जी ने कहा’ का लोकार्पण शुक्रवार 24 अगस्त, 2018 को नई दिल्ली के राजस्थान भवन में किया गया था।

पुस्तक का वजन : 900 ग्राम

पुस्तक का आकार: 7’’ x 9.50’’

पृष्ठ संख्या : 318 (16 पृष्ठ रंगीन)

एक प्रति की कीमत : 1500 रु.

इस समय स्टाॅक में पुस्तकें : 50

पाँच से अधिक पुस्तकें खरीदने पर 10 प्रतिशत की छूट

कवर : रंगीन एवं पेपरबैक